Teachings of Guru Nanak Dev Ji
Teachings of Guru Nanak Dev Ji गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ सिख समुदाय, किसे खास वर्ग, जाती के लोगों तक ही सीमित नहीं हैं, ब्लकि पूरी मानव जाति के लिए हैं। भारत मे तकरीबन पिछले 5 सौ वर्षों पहले एक बेटे का जन्म एक हिन्दू जोड़े के लिए हुआ था। जिसे नानक (Nanak) नाम दिया गया था। सभी लोगों को उनके बारे में उनके पिता के नक्शे कदम पर चलने का अनुमान था। लेकिन यह छोटा सा बच्चा सभी मायनों में बिल्कुल अलग था।
नानक जी बचपन से ही ईश्वर की भगती मे ही लीन रहते थे। वह एक ईश्वर का रूप थे, जो मनुष्य का रूप धारण कर के धरती पर आए थे। उन्होंने अपना सारा जीवन मानव जाति के लोगों को परमात्मा के बारे मे समझाने मे और उनके जीवन को सुधारने के लिए लगाया। गुरुजी शिक्षाएं जैसे किरत करनी (kirat karni), नाम सिमरन (Naam Simran), लंगर प्रथा (Langar Pratha), आदी है ।
नानक साहिब का संदेश था कि केवल एक सच्चे नाम के प्रति सच्ची श्रद्धा से लोग जन्म और मृत्यु के चक्र को तोड़ सकते हैं और भगवान के साथ मिलाप कर सकते हैं। उन्होंने प्राथमिक गुरु को बदल दिया और सिख धर्म की स्थापना हुई। उनकी शिक्षाएं को हमे अपने जीवन मे धारण करना चाहिए। Teachings of Guru Nanak Dev Ji ( गुरु नानक जी की शिक्षाएं इस तरह है) :-
1) गुरु नानक देव जी का पहला उदेश्य है सच्ची किरत करना, मेहनत करना और किसी का हक नहीं छीनना।
2) मनुष्य को सच्ची किरत करने के साथ-साथ ईश्वर के नाम का सिमरन करना चाहिए।
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3) हमे हमेशा आपस में मिल जुल के रहना चाहिए और सभी लोगों से आपस में बाँट के खाना चाहिए।
4) उनके मुताबिक हमें आपसी भेद भाव को छोड़कर एक ईश्वर के नाम की अराधना करनी चाहिए।
Teachings of Guru Nanak Dev Ji गुरु नानक देव जी की शिक्षाएँ
5) ईश्वर सर्व शक्तिमान है उनकी ईशा से संसार चलता है। उसके हुक्म से कोई जीव / जंतु बाहर नहीं हैं।
“हुक्म अंधर सब कोई बाहर हुक्म ना कोई”
6) उन्होंने हमे जात-पात से दूर रहने का संदेश दिया है।
7) भगती आंदोलन के सभी गुरुओ की तरह नानक साहिब भी मूर्ति पूजा के खिलाफ थे।
8) उनके मुताबिक अनंत सरूप और निराकार, आदिख सच्चा ईश्वर को मूर्ति का रूप देना और उनकी पूजा करना भगवान का अपमान है।
9) स्त्री-जाति का आदर करना नानक साहिब ने समाज मे औरत का आदर करने का उपदेश दिया।
“सो क्यू मंदा आखीऐ जित जम्मे राजान”
10) स्त्री का कभी भी निरादर नहीं करना चाहिए ब्लकि समाज मे उसका आदर सत्कार करना चाहिए। क्योंकि स्त्री राजे / महराजे को जन्म देती है।
12) जो लोग गुरु की बानी का सिमरन नहीं कर सकते वो केवल “ सतनाम श्री वाहेगुरू जी ” दो अक्षरो का सिमरन करके ईश्वर की अराधना कर सकते हैं।
13) समाज में भेद भाव को खत्म करने के लिए गुरु साहिब ने लंगर प्रथा की शरूवाद की।
14) गुरुदुआरे में दिन रात लंगर चलता रहता है। गुरु नानक देव जी की यह प्रथा पूरी दुनिया में सबसे उपर है।
Teachings of Guru Nanak Dev Ji ,लंगर प्रथा (Langar Pratha)
15) नानक जी शिक्षाएं सभी धर्मों के लोगों के साथ प्रेम करने का उपदेश देती हैं
16) क्यु जो मानवता दुबारा बनाइ गए धर्मों से उपर उठकर लोग एक ईश्वर परमात्मा से प्रेम का प्रसार कर पाए।
17) समाज के निम्न-वर्ग,निम्न-जाति वाले हिस्सों के उत्थान और समानता के लिए आवाज़ उठाई।
18) ईश्वर से हमेशा प्रेम करना चाहिए। हमे जो वी कुश मिलता है सब ईश्वर की ही देन है।
” कह नानक सब तेरी वडआई “।
19) जो इस संसार में हमारी पहिचान बनता है। उस परमात्मा के नाम हर वक्त का धनवाद करना चाहिए।
20) गुरु जी ने समाज में हिंदू मुस्लिम के आपसी भाई चारे पर जोर दिया है :-
“मानस की जात सबे एक पहचानो“
21) कोई हिन्दू कोई मुस्लिम नहीं है, ईश्वर की निगा से सब एक है।
“एकनूर (जोत) से सब जग उपजिआ
कोण भले कोण मंदे
(Teachings of Guru Nanak Dev Ji) श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं 974 भजनों के रूप में अमर हो गईं। जिन्हें सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ “श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी” के रूप में जाना जाता है। वह संसार के महान गुरु थे जिन्होंने अपनी शिक्षाएं दुबारा समाज का निर्माण किया।
FAQ:- Questions Answer
Questions. 1. गुरु नानक देव जी ने क्या शिक्षा दी?
Answer:- नाम जपो, किरत करो और वंड छको। यह सीखें कर्म से जुड़ी हुई हैं। कर्म में श्रेष्ठता लाने की ओर ले जाती हैं।
Questions. 2. गुरु नानक देव ने समाज को क्या संदेश दिया answer?
Answer:- श्री गुरु नानकदेवजी ने दुनिया को सर्व ईश्वरवाद का संदेश दिया, जिससे वह सभी भाव और सत्य फलित होते हैं, जिनके साथ मानव की प्रगति और कल्याण अनिवार्यतः जुड़ा हुआ है। श्री गुरुनानक देवजी एक युगांतकारी युग दृष्टा, महान दार्शनिक चिंतक, क्रांतिकारी समाज सुधारक थे। उनका दर्शन, मानवतावादी दर्शन था।
Questions. 3. गुरु नानक के प्रमुख उपदेश कौन कौन से हैं?
Answer:- गुरु नानक देव ने ही इक ओंकार का नारा दिया था और कहा था सबका पिता वही है इसलिए सभी से प्रेम करना चाहिए। गुरु नानक देव ने अपने एक संदेश में कहा था हमे कभी भी किसी दूसरे का हक नहीं छीनना चाहिए। मेहनत और सच्चाई से गरीबो और जरुरतमंदो की मदद करनी चाहिए। हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत कर सही तरीको से धन कामना चाहिए।
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